NOT KNOWN DETAILS ABOUT SHIV CHAISA

Not known Details About Shiv chaisa

Not known Details About Shiv chaisa

Blog Article

दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानें सबसे अच्छा क्यों है?

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम Shiv chaisa आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है Shiv chaisa प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल shiv chalisa lyricsl कारण विघ्न विनाशन॥

प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥

Report this page